भूमि कितने प्रकार की होती है : Sarakari Jamin ke Prakar

सरकारी जमीन किसे कहते हैं | जमीन कितने प्रकार की होती है | भूमि कितने प्रकार के होते हैं | 

राजस्व विभाग सभी प्रकार के जमीन या भूमि के बारे में जानकारी प्रदान करता है।  इस पोस्ट के माध्यम से सरकारी जमीन कितने प्रकार की होती है के बारे में बताने जा रहे हैं। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठते हैं कि हमारे देश में या राज्य में सरकारी जमीन कितने प्रकार की होती है। लेकिन उन्हें पता नहीं होता है। हम आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से सरकारी जमीन के कितने प्रकार होते हैं, से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी बड़ी ही सरल भाषा में उपलब्ध कराएंगे। अतः आपसे निवेदन है कि आप हमारी इस पोस्ट को अंत तक ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें।

Sarkari jamin kitne prakar ke hote hain

दोस्तों आपको पता है आपके आसपास कई प्रकार की जमीन देखने को मिलती है। प्रत्येक राज्य के राजस्व विभाग की जमीन को भूलेख एवं भू नक्शा पर दर्शाने के लिए एक विशेष कोड का इस्तेमाल करते हैं। शायद ही बहुत कम लोगों को इसके बारे में पता होगा कि सरकारी जमीन कितने प्रकार की होती है , राजस्व विभाग इसका उपयोग कैसे करता है। लेकिन हम आपको बता दें राजस्व विभाग द्वारा इस प्रकार की जमीन का अलग अलग तरीके से वर्गीकरण किया गया है। जैसे भूमि का उपयोग;- कृषि के लिए, सड़क बनाने के लिए आदि के इस्तेमाल में करते हैं। उपयोग के अनुसार ही जमीन का वर्गीकरण किया गया है। ऐसे ही राजस्व विभाग में भूमि के प्रकार तय किए हैं जिसे भूलेख और भू नक्शा में दर्शाने के लिए एक विशेष प्रकार का कोड इस्तेमाल किया जाता है।

भूमि या जमीन कितने प्रकार के होती है ?

जमीन के उपयोग के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा इसका वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया है जिस की जानकारी नीचे दी गई है।

  • कृषि योग्य भूमि
  • स्थायी चारागाह एवं पशुचारण,
  • वृक्षों एवं झाड़ियों के अंतर्गत भूमि,
  • वन भूमि
  • बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि,
  • गैर-कृषि उपयोग हेतु प्रयुक्त भूमि,
  • सामुदायिक क्षेत्र भूमि
  • सड़क भूमि
  • धार्मिक न्यास भूमि
  • चालू परती,
  • अन्य परती,
  • शुद्ध बोया गया क्षेत्र, और
  • एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र।

राजस्व विभाग के अनुसार जमीन के प्रकार की लिस्ट 

प्रदेश के राजस्व विभाग ने भू अभिलेख एवं भू नक्शा भूमि को दर्शाने के लिए एक विशेष प्रकार का कोड इस्तेमाल किया जाता है , राजस्व विभाग के अनुसार जमीन के कई प्रकार हैं, जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।

                                                                           उत्तर प्रदेश – भूमि प्रकार सूची
क्रम स. भूमि प्रकार                                      जमीन के प्रकार का विवरण भूमि प्रकार का कोड(गाटा यूनिक कोड का 15-16 अंक)
1 1 ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 – क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । 11
2 1-क भूमि जो संक्रमणीय भूमिधरों केअधिकार में हो। 12
3 1क(क) रिक्त 13
4 1-ख ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । 14
5 2 भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। 21
6 3 भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। 31
7 4 भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। 41
8 4-क उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । 42
9 4-क(ख) अन्य भूमि । 43
10 5-1 कृषि योग्य भूमि – नई परती (परतीजदीद) 51
11 5-2 कृषि योग्य भूमि – पुरानी परती (परतीकदीम) 52
12 5-3-क कृषि योग्य बंजर – इमारती लकड़ी केवन। 53
13 5-3-ख कृषि योग्य बंजर – ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। 54
14 5-3-ग कृषि योग्य बंजर – स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । 55
15 5-3-घ कृषि योग्य बंजर – छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । 56
16 5-3-ङ अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। 57
17 5-क (क) वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. – 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों – कृषि हेतु 58
18 5-क (ख) वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. – 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों – आबादी हेतु 59
19 5-क (ग) वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. – 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों – सामुदायिक वनाधिकार हेतु 60
20 6-1 अकृषिक भूमि – जलमग्न भूमि । 61
21 6-2 अकृषिक भूमि – स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो। 62
22 6-3 कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। 63
23 6-4 जो अन्य कारणों से अकृषित हो । 64
24 7 भूमि जो असामियों के अघ्यासन या अधिकारमें हो। 71
25 9 भूमि के ऐसे अध्यासीन जिन्होने खसरे के स्तम्भ 4 में उल्लिखित व्यकि्त की सम्मतिके बिना भूमि पर अधिकार कर लिया हो। 91
Land type of UP Bhulekh PDF

निष्कर्ष

तो दोस्तों , हमने आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से सरकारी जमीन के कितने प्रकार होते हैं से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी है। यदि आपको अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आप कृपया करके नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी समस्या लिखकर पूछ सकते हैं। हम आपकी हर प्रकार की सहायता करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। धन्यवाद

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