नमस्कार दोस्तों अपनी जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आप किस प्रकार जमीन की रजिस्ट्री , घर की रजिस्ट्री , खेत की रजिस्ट्री , प्लॉट की रजिस्ट्री कैसे कराएं तो आपके लिए यह पोस्ट बहुत उपयोगी है। हम आपको इस लेख के माध्यम से रजिस्ट्री से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने जा रहे हैं। अतः आपसे निवेदन है कि आप हमारी पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
जमीन की रजिस्ट्री कैसे होती है ?
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आप किस प्रकार रजिस्ट्री करा सकते हैं ,तो दोस्तों आपसे निवेदन है कि आप रजिस्ट्री कराने से पहले इसके बारे में जरूर जान ले। बहुत से लोगों को पता नहीं है कि जमीन की रजिस्ट्री किस प्रकार कराते हैं , तो यह पोस्ट उन सभी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो लोग अपनी जमीन को बेचना या फिर खरीदना चाहते हैं। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि आप रजिस्ट्री कराते समय कौन-कौन से कागज देने पड़ेंगे। यदि आप भी जमीन खरीदना या फिर बेचना चाहते हैं तो आपको बहुत सी सावधानियां बरतनी होंगे नहीं तो आपके साथ धोखाधड़ी भी हो सकती है।
यदि आप भी जमीन की रजिस्ट्री करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो आप हमारे द्वारा बताए गए आसान स्टेप को फॉलो कर सकते हैं। आपको बता दें कि अधिकांश लोगों को रजिस्ट्री कराने से संबंध जानकारी नहीं है। रजिस्ट्री कराने के लिए जो व्यक्ति पहली बार खरीद रहा है या फिर भेज रहा है और वह अनजान है , वह जानना चाहता है कि रजिस्ट्री के साथ कौन कौन से दस्तावेज लगते हैं , इसकी आवेदन प्रक्रिया क्या है , रजिस्ट्री कराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए , इस पोस्ट के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ना होगा।
घर, प्लॉट, खेत या जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं।
कई बार आप जमीन या घर या फिर प्लॉट खरीदते हैं और जल्दबाजी के कारण कुछ भी चेक नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में लोग उस जमीन को खरीदने के बाद भी उसे प्राप्त करने के लिए पूरी जिंदगी कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ जाते हैं। ऐसी समस्या से बचने के लिए आपको यहां बताए गए कुछ दस्तावेजों को चेक करना बहुत जरूरी है। लोगों को जमीन जायदाद के मामले में थोड़ा बहुत सतर्क रहना जरूरी है। नीचे दिए गए कुछ जरूरी जानकारी के माध्यम से आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
- यदि आप किसी भी जमीन की रजिस्ट्री करा रहे हैं तो आप सबसे पहले बेचने वाले व्यक्ति के बारे में जरूर जानकारी प्राप्त कर लें। इसके बाद आप चेक करें कि उस जमीन को कितनी बार बेचा और खरीदा गया है। तभी आप रजिस्ट्री कराएं।
- जिस व्यक्ति से आप जमीन खरीद रहे हैं उसके बारे में पता करें कि वह इस जमीन का मालिक है या नहीं। यदि उसके पास मालिक द्वारा दिया गया कोई पावर ऑफ अटॉर्नी लेटर है या नहीं है।
- यदि आप खेती करने के लिए कोई जमीन खरीद रहे हैं तो आप उसका सर्वे नंबर या फिर आप उस जमीन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण डिटेल्स प्राप्त कर लें। आप राज्य सरकार से जुड़ी भूलेख की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी उसके डाटा को वेरीफाई कर सकते हैं।
- यदि आप किसी कृषि भूमि को प्लॉट के लिए खरीद रहे हैं तो आप यह जरूर चेक कर लें कि उस जमीन पर प्लॉट या मकान बनाने के लिए परमिशन मिली है या नहीं।
- अगर आप किसी जमीन को इंडस्ट्रियल के लिए खरीद रहे हैं तब आपको यह जरूर चेक करना चाहिए कि इसके लिए उस जमीन पर इंडस्ट्रियल के लिए अनुमति मिली है या नहीं अथवा मिल सकती है या नहीं।
- यदि आप कोई भी जमीन खरीद रहे हैं तो आप एक बार यह जरूर चेक करने की जो नक्शा आपको दिखाया जा रहा है और जो जमीन है वह एक है या नहीं , क्या वह नक्शा नगर निगम के द्वारा वेरीफाई किया गया है या नहीं , यह भी चेक कर लें कि उस नक्शे को ट्रांसफर एंड कंट्री डिपार्टमेंट से परमिशन मिली है या नहीं।
जमीन रजिस्ट्री के नियम 2024
पहले के समय ऐसे कई केस देखने को मिलते थे एक ही प्रॉपर्टी को कई लोगो को बेच दिया जाता था और उन लोगो के साथ देखा हो जाता था। सरकार ने इन सभी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए जमीन की खरीद और बिक्री पर लोगों के साथ होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिए रजिस्ट्री के नियम बनाए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।
- नियम के अनुसार बिना जमीन के प्रमाणित नक्शे के जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी।
- ग्राहक को जमीन बेचते समय जमीन बेचने वाले व्यक्ति को अपने हाथ की सभी उंगलियों के निशान रजिस्ट्री पर देने पड़ेंगे।
- व्यक्ति द्वारा बेची जा रही जमीन को बेचते समय व्यक्ति ने जमीन खरीदते समय रजिस्ट्री के दौरान जो कागज जमा कराए थे उनमें उसका नाम , पति या पुत्र का नाम उसका स्थाई पता होना जरूरी है।
- यदि पावर ऑफ अटॉर्नी का मामला है तो इस लेटर के साथ भी आवासीय प्रमाण पत्र को साथ में लगाना जरूरी है।
- प्रत्येक राज्य के रजिस्ट्री से संबंधित अलग-अलग नियम हो सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा इन नियमों को समय अनुसार बदला भी जा सकता है। यह नियम जमीन खरीदार और बेचने वाले दोनों लोगों को मानना पड़ेगा।
जमीन , खेत, प्लॉट या घर की रजिस्ट्री कैसे की जाती है ?
यहां पर हमने आपको ऊपर रजिस्ट्री कराने से पहले कुछ चेकपॉइंट्स और नियम बताए हैं। यदि आप हमारे द्वारा बताए गए उन सभी नियम और चेकपॉइंट्स को फॉलो करते हैं तब आप बड़ी ही आसानी से अपने जमीन , घर , खेतिया प्लॉट की रजिस्ट्री करा सकते हैं। यदि आप भी खेत, प्लाट या घर की रजिस्ट्री कैसे होती है की प्रक्रिया जानना चाहते हैं तो कृपया करके नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें।
1. जमीन की रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज
यदि आप भी अपनी जमीन की कराने जा रहे हैं तो आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए। इन सभी दस्तावेजों की जानकारी नीचे बता रहे हैं। इससे रजिस्ट्री कराते समय आपको आसानी होगी। हम जो दस्तावेज बता रहे हैं वह जमीन खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों के लिए है। जो व्यक्ति जमीन खरीद रहा है और जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है उनको अपने अलग-अलग दस्तावेज लेकर जाना होगा। तभी आप रजिस्ट्री करा पाएंगे।
- पहचान पत्र – जमीन खरीदने और बेचने वाले दोनों व्यक्ति का लगेगा। जैसे आधार कार्ड , पैन कार्ड वोटर आईडी कार्ड आदि।
- NOC – नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट – यदि व्यक्ति द्वारा जमीन पर कर्ज लिया गया है तो बैंक का NOC लगाना पड़ेगा।
- जमीन तक पेपर – खसरा बी1 की नकल।
- जनरल पावर ऑफ़ अटार्नी – यदि जमीन का मालिक स्वयं उपस्थित नहीं है तब इस स्थिति में जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है उसे अपना मिला हुआ पावर ऑफ़ अटार्नी लेटर लगाना पड़ेगा।
- व्यक्ति को प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी सभी लेटेस्ट रसीदें लगानी पड़ेगी।
- बैंक चेक – जो व्यक्ति जमीन खरीद रहा है वह बैंक चेक लेकर जरूर जाए। क्योंकि स्टाम्प में इसका विवरण देना पड़ेगा।
ग्राहक द्वारा जैसे ही सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार कर लिए जाएंगे उसके बाद रजिस्ट्री कराने के लिए आपको सबसे पहले अपने नजदीकी रजिस्ट्री ऑफिस में जाना पड़ेगा। रजिस्ट्री ऑफिस में आपको वहां पर बहुत से वकील और रजिस्टर मिलेंगे। उन सभी लोगों का काम है कि जमीन की रजिस्ट्री हेतु स्टांप ड्यूटी पेपर बनाना और रजिस्ट्री कराने में आपकी मदद करना। रजिस्ट्री कराने के लिए आपको उनके द्वारा जो फीस निर्धारित की गई है वह देनी पड़ेगी।
इसके बाद आप वकील और रजिस्टर से बात करके अपनी जमीन की रजिस्ट्री का काम सौंप देंगे। इसके बाद जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है और जो व्यक्ति जमीन खरीद रहा है ,उन दोनों व्यक्तियों को अपने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज देने होंगे। आपके द्वारा दिए गए दस्तावेजों के बाद वकील रजिस्ट्री पेपर तैयार करेगा। इसके लिए ग्राहक को स्टांप पेपर खरीदना पड़ेगा। स्टांप पेपर आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं जो बहुत ही आसान है। स्टांप पेपर खरीदने में भी रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति आपकी सहायता करेगा। आपके द्वारा केवल उस जमीन का सरकारी रेट के अनुसार जो स्टांप ड्यूटी का पैसा है वह देना पड़ेगा।
3. इसके बाद आपको सब–रजिस्ट्रार कार्यालय में पेश होना पड़ेगा।
जब आपके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण दस्तावेज और रजिस्ट्री करने वाले व्यक्ति द्वारा स्टांप ड्यूटी पेपर तैयार हो जाने के बाद आप दोनों को सब रजिस्टर कार्यालय में पेश होना पड़ेगा। जैसे ही आपका नंबर आएगा आपको बुला लिया जाएगा। आपका नंबर आते ही सब रजिस्टर द्वारा कुछ सवाल पूछे जाएंगे जैसे;- जमीन बेचने वाले व्यक्ति से क्या आप जमीन बेच रहे हैं ?, जमीन खरीदने वाले व्यक्ति से क्या आप जमीन खरीद रहे हैं ?, इसके साथ ही कुछ अन्य सवाल जैसे जमीन बेच रहे व्यक्ति से आपको पैसा मिला है या नहीं इत्यादि सवाल भी पूछे जा सकते हैं। ठीक ठीक जवाब देना है।
इसके बाद पेपर सही पाए जाने पर और उसके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब पाने पर जमीन बेचने वाले और जमीन खरीदने वाले दोनों व्यक्तियों को रजिस्ट्री पेपर पर हस्ताक्षर करने पड़ेंगे। जैसे ही आपके और उस व्यक्ति के द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्णता संपन्न हो जाएगी। इसके तुरंत बाद ही आप अपने नजदीकियों से जमीन खरीदने की बधाई ले सकते हैं और मिठाई बांट सकते हैं। इस प्रकार आप उस जमीन के पूर्णता मालिक बन जाएंगे।
4. इसके बाद आप दाखिल खारिज के लिए आवेदन करें।
जैसे ही आपके द्वारा खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी उसके बाद आपको रजिस्ट्री के पेपर दे दिए जाएंगे। रजिस्ट्री पेपर्स को आप अपने पास संभाल कर रखें क्योंकि यही जमीन के असली पेपर हैं। यह रजिस्ट्री पेपर आपके पास होने पर ही आप उस जमीन के मालिक कहलाएंगे। जैसे ही आप की जमीन की रजिस्ट्री हो जाती है उसके बाद आप तुरंत ही उसका दाखिल खारिज के लिए आवेदन करें। आपको बता दें कि दाखिल खारिज करना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। यदि आप दाखिल खारिज नहीं कराते हैं तो आप ने जो जमीन खरीदी है, वह आपके कब्जे में नहीं होगी। दाखिल खारिज कराने के लिए आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीका अपना सकते हैं। पहले यह प्रक्रिया ऑफलाइन थी लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर दी गई है। आप अपने राज्य की राजस्व विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
दाखिल खारिज के लिए आवेदन करने के बाद आपको राजस्व विभाग के कर्मचारी द्वारा आप की जमीन को वेरीफाई किया जाएगा। वेरीफाई होते ही आप का दाखिल खारिज कर दिया जाएगा। इसके बाद आपके नाम से एक रसीद काट दी जाएगी और यह रसीद आपको दे दी जाएगी। इसके बाद आप अपने जमीन में कुछ भी कार्य करा सकते हैं जैसे – घर बनवा सकते हैं, खेती कर सकते हैं आदि।
note ; – जैसे ही रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो जाएगी उसके बाद जमीन के रिकॉर्ड में बदलाव कराना भी बहुत जरूरी है। जैसे ऑनलाइन भूलेख एवं भू नक्शा रिकॉर्ड में आपका नाम चढ़वाना इत्यादि। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अपने राज्य के अनुसार अलग-अलग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस कार्य को भी आप जल्दी से गंभीरता से कराएं।
निष्कर्ष
तो दोस्तों ,हमने आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से जमीन , खेत, प्लॉट या घर की रजिस्ट्री कैसे की जाती है से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी है। यदि आपको अभी भी किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। तो आप कृपया करके नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी समस्या लिखकर पूछ सकते हैं। हम आपकी हर प्रकार की सहायता करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। धन्यवाद