स्टाम्प ड्यूटी की गणना कैसे किया जाता है

दोस्तों आज हम आपको स्टांप ड्यूटी के बारे में बताएंगे , आप इस पोस्ट के माध्यम से जान पाएंगे कि स्टांप ड्यूटी होता क्या है। यदि कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है ,तो उस जमीन की रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी चार्ज देना पड़ता है, उसे ही स्टांप ड्यूटी कहते हैं । जमीन की रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी चार्ज एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। स्टांप ड्यूटी चार्ज प्रत्येक राज्य के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। जमीन की रजिस्ट्री केबल रजिस्ट्रार कार्यालय में की जाती है। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं स्टांप ड्यूटी क्या है आप इस पोस्ट के माध्यम से सरल भाषा में स्टांप ड्यूटी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी जान पाएंगे। इस पोस्ट के माध्यम से आप जान पाएंगे स्टांप ड्यूटी क्या है ? , इसका कितना भुगतान किया जाता है ? , स्टांप ड्यूटी भुगतान करने के कौन कौन से फायदे होते हैं ? स्टाम्प ड्यूटी चार्ज क्या है

स्टाम्प ड्यूटी चार्ज क्या है ?

राज्य का कोई भी व्यक्ति जमीन खरीदता है या फिर उस जमीन को बेचता है , तो उस व्यक्ति को एक टैक्स देना पड़ता है। उस टैक्स को ही स्टांप ड्यूटी चार्ज कहते हैं। स्टांप ड्यूटी चार्ज राज्य सरकार के खाते में जमा होता है। सरल भाषा में कहें तो स्टांप ड्यूटी एक प्रकार का सरकारी टैक्स है , यह टैक्स सीधे राज्य सरकार के पास जाता है। व्यक्ति द्वारा स्टांप ड्यूटी के माध्यम से अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवाने का एक सरकारी प्रावधान है। यदि भविष्य में किसी प्रकार की उस जमीन से संबंधित परेशानी आती है , तो उस जमीन की रजिस्ट्री के माध्यम से वह रजिस्टर्ड फाइल को कोर्ट में जमा कर सकता है, और उस फाइल के माध्यम से वह अपनी जमीन वापस पा सकता है।

स्टाम्प ड्यूटी की गणना कैसे की जाती है ?

आपको बता दें कि स्टांप ड्यूटी का चार्ज राज्य सरकार द्वारा किसी भी जमीन या संपत्ति के बाजार मूल्य का 5 से 7 प्रतिशत तक तक लिया जाता है। राज्य सरकार द्वारा यह रजिस्ट्रेशन चार्जेस संपत्ति की मार्केट वैल्यू का 1% है। यदि आप भी कोई जमीन या प्रॉपर्टी खरीदते हैं तब आपको यह बात पहले से ही जान लेनी चाहिए कि आपको उस जमीन का स्टांप ड्यूटी चार्ज कितना देना पड़ेगा। प्रत्येक राज्य का स्टांप ड्यूटी चार्ज अपने राज्य के हिसाब से लिया जाता है। प्रत्येक राज्य में स्टांप ड्यूटी चार्ज राज्य के हिसाब से अलग-अलग होता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक राज्य के अनुसार यह चार्ज लगभग 4 से 10% तक लिया जाता है। प्रत्येक राज्य में अलग-अलग सर्किल रेट यानी जमीन का सरकारी चार्ज उसके राज्य के हिसाब से लिया जाता है। सरकार द्वारा तय की गई इस सर्किल रेट के अनुसार ही स्टांप ड्यूटी की गणना की जाती है। सरकार द्वारा स्टांप ड्यूटी चार्ज निर्धारित करने के लिए कई प्रकार के अलग-अलग कारक बनाए हैं जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।

  • संपत्ति का प्रकार और कितने फ्लोर में बना है।
  • जमीन यानि संपत्ति का मार्किट वैल्यू।
  • संपत्ति के आवासीय है या वाणिज्यिक इस पर भी निर्भर करता है।
  • जमीन खरीद रहे खरीददार की आयु एवं लिंग भी महत्वपूर्ण है।
  • संपत्ति किस स्थान यानि एरिया में है।

स्टाम्प ड्यूटी चार्ज भुगतान करने का क्या फायदा है ?

देश के अधिकतर लोगों के मन में यह सवाल उठता रहता है कि स्टांप ड्यूटी चार्ज देने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं ?, चार्ज को चुकाने से क्या संपत्ति खरीदने वाले को कुछ प्रॉफिट हो सकता है ? तो इसका जवाब है नहीं। क्योंकि जो आप जमीन के माध्यम से टैक्स देते हैं वह सरकार द्वारा जनता के विकास के कार्यों में लगाया जाता है। राज्य सरकार द्वारा जो कार्य किया जाएगा उस के माध्यम से आपको भी फायदा पहुंचेगा और आपका राज्य आगे की ओर प्रगति करेगा।

आने वाले भविष्य की परेशानी के लिए स्टांप ड्यूटी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जा सकता है। यदि आप की संपत्ति में भविष्य में कोई भी विवाद या परेशानी आती है तब इस कंडीशन में इस स्टांप ड्यूटी चार चुकाने के बाद जो रजिस्ट्री प्राप्त होती है आप उस कागज को कोर्ट में पेश कर सकते हैं। यह रजिस्ट्री आपके लिए एक गवाह का कार्य करेगी।

स्टाम्प ड्यूटी से सम्बंधित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 01 क्या स्टाम्प ड्यूटी वापस हो जाती है ?

स्टांप ड्यूटी रिफंडेबल नहीं होती है। यह टैक्स सरकार के पास राज्य के विकास कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। आपके द्वारा दिया गया स्टांप ड्यूटी चार्ज कभी भी वापस नहीं हो सकता है।

प्रश्न 02 क्या स्टाम्प ड्यूटी पर आयकर कटौती के रूप में क्लैम किया जा सकता है ?

हां ,आप स्टांप ड्यूटी चार्ज को आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स कटौती के रूम में अधिकतम 1,50,000 रुपये की सीमा तक दावा कर सकते है। यदि आप आयकर दाता है यानि ITR फाइल करते है तब आपको आयकर टैक्स में छूट मिल सकती है।

प्रश्न 03 क्या स्टांप ड्यूटी में जीएसटी शामिल होता है ?

वर्तमान समय में स्टांप ड्यूटी और जीएसटी व्यक्ति की संपत्ति की बिक्री पर लगाए जाने वाले अलग-अलग चार्ज होते हैं। इस चार्ज का एक दूसरे से कोई लेना देना नहीं है।

प्रश्न 04 क्या स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज होम लोन में शामिल होता हैं ?

राज्य सरकार के नियम अनुसार, स्टांप ड्यूटी चार्ज और रजिस्ट्रेशन चार्ज को होम लोन के लिए स्वीकृत नहीं किया जा सकता है और ना ही शामिल किया जा सकता है। यह टैक्स खरीददार की संपत्ति पर लिया जाने वाला अतिरिक्त खर्च।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, हमने आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से स्टांप ड्यूटी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी है। यदि आपको अभी भी किसी प्रकार की कोई भी समस्या आ रही है , तो आप कृपया करके नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी समझ सकते हैं। हम आपकी सहायता करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे , धन्यवाद।

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Bhumi Jaankari

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